हम, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के अभ्यर्थी और देश के चिंतित नागरिक, आपसे निवेदन करते हैं कि आप उन लाखों युवाओं की आवाज़ सुनें जिन्होंने वर्षों से RPF में सेवा देने के लिए अथक मेहनत की है।
अक्टूबर 2025 में RPF भर्ती के मानदंडों में किए गए बदलावों ने हज़ारों युवाओं का सपना तोड़ दिया है।
अब पुरुष अभ्यर्थियों की न्यूनतम ऊँचाई 165 से.मी. से बढ़ाकर 170 से.मी. कर दी गई है, और अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष से घटाकर 23 वर्ष कर दी गई है।
इन निर्णयों के कारण कई योग्य अभ्यर्थी — जिन्होंने वर्षों तक प्रशिक्षण और तैयारी में अपना समय, पैसा और परिश्रम लगाया — अब भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं।
ये बदलाव बिना किसी चर्चा या परामर्श के किए गए हैं और ये समानता, न्याय और अवसर की संवैधानिक भावना के विपरीत हैं।
रेल मंत्रालय का यह तर्क कि यह परिवर्तन CAPF मानदंडों के अनुरूप हैं, ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं की वास्तविकता को पूरी तरह नज़रअंदाज़ करता है।
RPF केवल एक सुरक्षा बल नहीं है — यह भारत की रेल प्रणाली की सुरक्षा, अनुशासन और गौरव का प्रतीक है।
देश सेवा की भावना से प्रेरित लाखों युवाओं के सपनों को नष्ट करना किसी भी दृष्टि से न्यायसंगत नहीं है।
हम मांग करते हैं कि पुराने मानदंडों को तुरंत बहाल किया जाए — पुरुष अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम ऊँचाई 165 से.मी. और अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष रखी जाए।
साथ ही, प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए एक विशेष भर्ती प्रक्रिया आयोजित की जाए और नीति निर्धारण में अभ्यर्थियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
यह केवल भर्ती की बात नहीं है — यह सम्मान, अवसर और युवाओं के भविष्य का प्रश्न है।
हर हस्ताक्षर हमारी आवाज़ को मज़बूत करेगा।
कृपया इस याचिका पर हस्ताक्षर करें और #Justice_for_RPF_Aspirants के साथ सोशल मीडिया पर साझा करें।